राजधानी सहित पूरे प्रदेश में वाहनाें के जरिये हाेने वाले प्रदूषण काे कुछ कम करने के लिए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के पहल पर विभाग में हर महीने की पहली तारीख काे नाे व्हीकल डे लागू किया गया है। खाचरियावास के इस पहल काे प्रदेश के कुछ मंत्री अच्छा अाइडिया मानते हुए अपने विभाग में लागू करने की बात कर रहे हैं ताे कुछ इसे अव्यावहारिक बता रहे। कुछ मंत्रियों ने कहा कि इससे पर्यावरण प्रदूषण रोकने, डीजल-पेट्रोल की बचत करने के साथ साथ एक दिन ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी।
कुछ मंत्री ऐसे भी हैं, जिन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णय सामूहिक तौर पर लिए जाते तो अच्छा रहता और इससे बेहतर परिणाम सामने आते। राज्य में सड़क सुरक्षा व सार्वजनिक परिवहन सेवा को बढ़ावा देने और वाहन जनित प्रदूषण को रोकने के लिए परिवहन विभाग एक नोडल एजेंसी है। इसलिए इससे जुड़ी इस तरह की समस्त चुनौतियों से निबटने के लिए परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने एक दिन के नो व्हीकल डे का प्रस्ताव रखा था। परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने इसे परिवहन विभाग में लागू कर दिया जो एक जनवरी से लागू हो चुका है।
इन मंत्रियों ने दिखाई नो व्हीकल डे में दिलचस्पी, अधिकारियों से करेंगे चर्चा
- हां अच्छा आइडिया है। इसे हम पर्यटन व देवस्थान विभाग के लिए शुरू कर सकते हैं। लोग भी साथ अाएं। - विश्वेंद्र सिंह, पर्यटन मंत्री
- यह अच्छी पहल है। इसके प्रति सब जागरूक हों। मैं भी इसे लागू करने पर अधिकारियों से चर्चा करूंगा। - टीकाराम जूली, श्रम मंत्री
- हम विभाग के अफसरों से चर्चा के बाद ही तय करेंगे कि इस बारे में क्या किया जा सकता है। - सुखराम विश्नोई, वनमंत्री
- बिलकुल हम नाे व्हीकल डे के तहत खुद के विभाग में काम कराने काे तैयार हैं। जल्द ही शिक्षक संगठन व छात्र के साथ इस तरह की वर्किंग कराएंगे। - भंवर सिंह भाटी, उच्च शिक्षा मंत्री
- हमारे विभाग में वाहनों का इतना काम है ही नहीं। जिन विभागों में फील्ड का काम ज्यादा होता है उनमें नो व्हीकल डे लागू हो तो ठीक है। - उदय लाल अांजना, सहकारिता मंत्री
इन मंत्रियों ने कहा- कोई इरादा नहीं
- विभाग में फिलहाल नो व्हीकल डे को लेकर कोई प्लान नहीं है। दफ्तरों की लोकेशन अलग अलग जगह है। - परसादी लाल मीना, उद्योग मंत्री
- मेरे विभाग में नो व्हीकल डे लागू करने का कोई विचार नहीं है। - मा. भंवरलाल मेघवाल, अधिकारिता मंत्री
- निर्णय अच्छा है। लेकिन इसे सामूहिक तौर पर लिया जाता तो और अच्छा होता। - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री
- शिक्षा विभाग में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। - गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षामंत्री